हो तुम नबी या कोई अवतार हे बुद्ध आपको बारम्बार नमस्कार। हो तुम नबी या कोई अवतार हे बुद्ध आपको बारम्बार नमस्कार।
कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं। कामनाएं तभी हमारी पूरी हो जब कर्तव्य बोध न बिसराएं।
प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा। प्राण पखेरू उड़ जाते हैं रह जाती है केवल कस्तूरी की मृगतृष्णा।
वरना तुम्हारा नामो निशान मिट जाता भूगोल से, इसका तुम्हें बोध नहीं। वरना तुम्हारा नामो निशान मिट जाता भूगोल से, इसका तुम्हें बोध नहीं।
लहरें उठीं ज्वार बन मन में , जीव जंतु खग चहके वन में। लहरें उठीं ज्वार बन मन में , जीव जंतु खग चहके वन में।
उनको अपने अंदर के ज्वाला से परिचय करवाना चाहती हूँ। उनको अपने अंदर के ज्वाला से परिचय करवाना चाहती हूँ।